Saturday, September 11, 2010

ham honge kamyaab

प्रिय मित्रो  ,
बिहार का राजनैतिक  परिदृश्य आनेवाले समय में बिहार ही नहीं बल्कि देश कि दशा एवं दिशा को निर्धारित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान करने वाली है.बदलता बिहार , विकसित बिहार के स्लोगन के साथ आने वाले  सभी राजनैतिक  दल अभी तक यह निर्धारत नहीं कर पाए हैं कि जातिगत मुद्दों पर चुनाव लड़े  जाए या फिर विकास  के मुद्दे  पर .  मेरी याद में इतना  अनिर्णय कि स्थिति शायद ही कभी रही हो. कुल मिलाजुला कर लोकतंत्र पहली बार तरुनाई  के साथ महसुस  किया जा सकता है.वोटर भी उहापोह में है , अपनी जात का अभ्यर्थी कि विकास  का मुद्दा  , बटाईदारी बिल का भुत या टेंडर खोने का दर ,मेनिफिस्तो  का मतलब  नहीं होता है चुनाव में. सभी  जानते है पर इंतजार तो है, देखते है कितनो  ने कहा है ५८% कुपोषण को समाप्त करने कि बात,कितनो  ने कहा है कि अपना पहला जनम दिन बिहार में पैदा लेनेवाला सभी  बच्चे  जरुर देखेंगे , कितोने का है , बिहार वो   राज्य होगा जहाँ  सभी  माता पिता अपने बच्चे  को कहेंगे कि सरकारी अस्पताल से सुरक्षित  कोई  जगह नहीं है जहा मेरा नाती/पोता पैदा होगा. मुझे आशा है कि इस बार हम वोट उसे देंगे जो इन बातो के लिए लड़ेगा जिससे हमारी संताने यह कह सके  कि पाँच  साल में मिलने वाले मौके  का उचित इस्तेमाल नहीं करने कि वजह से हम बर्बाद हुए है , इसबार हम होंगे कामयाब.
अजित